305 Part
38 times read
0 Liked
राजलक्ष्मी ने चिन्ता के स्वर में कहा, “सब कुछ देख तो रही हूँ, पता नहीं क्या व्यवस्था करेंगे! पर मैं फिक्र न करूँ और वे करें? चलो, थोड़ा-सा खाकर सो जाना। ...