लेखनी गजल -26-Mar-2023

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मेरी बर्बादी देख तुम हँसते हो यार फिर भी दिल में बसते हो चाँद सा चेहरा झील सी आँखे कुछ भी हो तुम बड़ा जचते हो दीप को बुझने से बचना ...

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