रसखान रत्नावली (सवैया -55)

220 Part

43 times read

0 Liked

आज गई ब्रजराज के मंदिर  स्‍याम बिलोक्‍यौ री माई।  सोइ उठ्यौ पलिका कल कंचन  बैठ्यो महा मनहार कन्‍हाई।।  ए सजनी मुसकान लख्‍यौ रसखानि  बिलोकनि बंक सुहाई। मैं तब ते कुलकानि तजौ ...

Chapter

×