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प्रतियोगिता हेतु गज़ल सिसकियों को निगलते हुए मर गई। झील सी आंखें मलते हुए मर गई।। मन में अरमान लेकर के आई थी वो। दिल की हसरत बदलते हुए मर गई।। ...