सिन्दूर पर कविता -27-Mar-2023

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            सिन्दूर पर कविता  सिन्दूर के नाम पर क्यों? नारी बंध सी जाती है, अबला बन जाती है तड़प तड़प कर जिंदा ही, मर सी जाती है।  सिन्दूर के लज्जा में सम्मान ...

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