1 Part
187 times read
10 Liked
विषय-शराबी निर्मला छंद शीर्षक-नशा अभिशाप नशा करना है अभिशाप, रहो दूर सर्वथा। करे जीवन का वह नाश,हिय में होती व्यथा।। करें घर परिवार बर्बाद, रोगो को ढालता। सदा होती विसरण मृत्यु, ...