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ज़ुबान से निकल ही जाते हैं अलफ़ाज़.. बर्दाश कितनी भी क्यो ना कर लू.. हर बार.. कोई ला दे कोरा कागज़ मुझे.. जो ज़ब्त कर ले मेरे आंसू हर बार.. फ़िज़ा ...