मन के कोरे कागज़ पर

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# मन के कोरे कागज पर प्रियतम तेरी तसवीर बनाती हूँ अलग अलग रंग देख के मैं सोच में पड़ जाती हूँ कभी शिव समान तुम बैरागी कभी मदनदेव सम अनुरागी ...

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