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राजा हरिचन्द सुख राजे हरी चंद घर नार सु तारा लोचन रानी | साध संगति मिलि गांवदे रातीं जाइ सुणै गुरबाणी | पिछों राजा जागिआ अधी रात निखंड विहाणी | राणी ...