भक्तों की जीवनी - भाग 28

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गजिन्द्र हाथी एक निमख मन माहि अराधिओ गजपति पारि उतारे || सतिगुरु अर्जुन देव जी महाराज बाणी में फरमाते हैं कि हाथी एक पल प्रभु का सिमरन किया तो उसकी जान ...

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