भक्तों की जीवनी - भाग 29

44 Part

27 times read

0 Liked

भक्त अम्ब्रीक जी अंबरीक मुहि वरत है राति पई दुरबासा आइआ| भीड़ा ओस उपारना उह उठ नहावण नदी सिधाइआ| चरणोदक लै पोखिआ ओह सराप देण नो धाइआ| चक्र सुदरशन काल रूप ...

Chapter

×