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भाई समुन्दा जी अनदिनु सिमरहु तासु कऊ जो अंति सहाई होइ || इह बिखिआ दिन चारि छिअ छाडि चलिओ सभु कोइ || का को मात पिता सुत धीआ || ग्रिह बनिता ...