भक्तों की जीवनी - भाग 41

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भाई साईयां जी गुरमुख मारग आखीऐ गुरमति हितकारी | हुकमि रजाई चलना गुर सबद विचारी | भाणा भावै खसम का निहचउ निरंकारी | इशक मुशक महकार है होइ परउपकारी | सिदक ...

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