दो शब्द

1 Part

359 times read

13 Liked

मेहनत कितनी ही करके देख लो मुस्कराने की, दो शब्द ही काफ़ी हैं तोड़ गिराने के लिए... अहसासों का बोझ तो अब मुझसे नहीं उठाया जाता, हर लम्हा ज़िंद का बोझ ...

×