220 Part
44 times read
0 Liked
खेलै अलीजन के गन मैं उत प्रीतम प्यारे सों नेह नवीनो। बैननि बोघ करै इत कौं उत सैननि मोहन को मन लीनो। नैनति की चलिबी कछु जानि सखी रसखानि चितैवे कौं ...