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शीर्षक- उम्मीद का दामन थाम तू उम्मीद का दामन, भर खुशियों से आंगन, देख बरस उठेंगे सावन। उम्मीद को बनाओ चिंगारी, ना रोक पाएंगी दुनियादारी, लक्ष्य को बनाओ जिम्मेदारी। आएंगे पंथ ...