1 Part
198 times read
9 Liked
शीर्षक- जोड़ो रिश्तो के तार भगवान ने दिया उपहार, रिश्तो का किया अनुदान, करो रिश्तो का श्रृंगार। वाणी बने सदा माधुरी, खिले प्रणय की पंखुरी, मनुष हित न बने चातुरी। न ...