आंचल अच्छा था

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प्रतियोगिता हेतु मुक्तक बचपन में मां अंजन करती थी, वो काजल अच्छा था। मां की  ममता में जो बसता, था वो संदल अच्छा था।। तपी   धूप  में  जब  जाता  था,  पढ़ने ...

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