पुरुष और प्रेम।

1 Part

218 times read

15 Liked

पुरुष और प्रेम, निष्ठुर नही है, यह कोमल भाव कोई स्त्रीत्व सा नही है।। इसे समझने को ह्रदय विशाल चाहिए,, जो हो कोमल ह्रदयी तो भूल ही जाइए।। प्रेम पुरुष का ...

×