माँ तेरा आँचल

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माँ तेरे आँचल की छाँव में जैसे जन्नत बिछ जाती है बिन मांगे ही सुखों भरी कोई मन्नत पूरी हो जाती है तू जब हाथ फेरती है न मेरे सिर पर ...

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