1 Part
294 times read
17 Liked
श्याम चलें हैं श्याम चलें हैं मनावें आज अपनी सखी को छोड़ मुकुट का पंख, भूल अपनी पादूका आज चलें है श्याम अपनी सखी को मनावें भटक भटक जब वह नाम ...