खोई चाभी रोज़ रोज़ होता है किसिका इंतजार इस सफर में नहीं हमसफर कोई यार थाम ले जो बाहें समझे मेरा भी प्यार क्या कभी होगा पूरा ये मेरा इंतज़ार। आता ...

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