1 Part
246 times read
18 Liked
कविता - यह चार दिन की चांदनी फिर, घनी अंधेरी रात। यह चार दिन की चांदनी फिर, घनी अंधेरी रात, हॅंसकर जीवन जी ले साथी,प्रेम से कर ले बात जीवन जीना ...