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कविता ःसमय का पहिया ★★★★★★★★★★★ भूत, वर्तमान और भविष्य ये समय के तीन पहिए.. मिलकर घुमाते समय के रथ को समय तो निर्विकार है,अज्ञात ब्रह्म की भाँति मौन हम सवार हैं,समय ...