1 Part
253 times read
15 Liked
ये मन टुकड़े टुकड़े करके वो पूछ रहे हैं कैसा हूँ मैं खुद ही समझ नहीं पाया तो क्या बतलाऊँ कैसा हूँ। न मन कहीं पे लगता है न कोई इच्छा ...