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स्वैच्छिक (पुण्य जयंती पर पुष्पांजलि) " बाबा साहेब के सपनों का भारत " बाबा उवाच पहली किरण पुकारती नया जगत संवारती कि जल जाए बाती नई ज्योति जलाती सोए सारथी उठो ...