लेखनी कविता -15-Apr-2023

1 Part

299 times read

15 Liked

शीर्षक : श्याम रंग  जीवन नैया ही उसकी डोल गई,  जीवन मांझी हुआ है जो ओझल।  हर रस अब तो नीरस से होते हैं , श्वेत श्याम रंग ज्यों घेरे हैं ...

×