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रोला छंद शीर्षक-सजे सजन का प्यार कंगन गजरा आज, पहन कर निकली सजनी। प्रियतम मन की साज, करें अब उनसे मगनी।। सोलह है श्रृंगार, आज मन मम इतराता। देख तुम्हारा प्यार, ...