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पन्नी लाल, डाक बाबू, दातुन को दबाए,जुगाली सी भंगिमाऐं लोटे को तर्जनी और अंगूठे में दबाये चेक की लुंगी, बनियान थोड़ी सी लम्बी ने ,उचक कर डाक घर का कुंडा खोला ...