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मुक्तक छंद विषय -राम 1222,1222 1222,1222 सभा में राम आते हैं, धनुष पर डोर बांधन को। जहां नृप हार बैठे हैं ,धनुष शंकर उठावन को। खिला मुखराम रघुवर का, उठाया सम ...