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तुमसे सब पूरा पूरा लगता है। तुम बिन यहां ,सब अधूरा लगता है। शुक्र मनाता हूँ मै हर उस शाम का, तुम्हें जिस शाम ,अभिमंद जरूरी लगता है। आकर इस महफ़िल ...