गांव को गांव रहने दीजिए -20-Apr-2023

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कविता - गांव को गांव रहने दीजिए  आधुनिकता के बंधन में भौतिकता के क्रंदन में वही पुरानी संबंधों का  भाव रहने दीजिए, गांव को गांव रहने दीजिए।  फंसकर शहरी दलदल में  ...

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