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शीर्षक :बेख़ुदी बेख़ुदी में सदियों से लम्बे हमको ये इंतजार के पल लगते हैं, बिन देखे तुझे कितने बेकरार से हम आजकल यूंही रहते हैं । उम्मीद के चरागों को इन ...