1 Part
335 times read
7 Liked
चलो कही सैर कर आए हम टहलते- टहलते बहुत दूर निकल जाए हम प्यार की नई दुनिया बसाए हम जिंदगी की आपाधापी मे स्वयं विस्मृत हो गए हम जिम्मेदारीयो की रेलगाड़ी ...