मायका वजूद कहा

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मायके से ससुराल में आई ढूंढ रही है घर फिर अपना। थककर हारी फिर बेचारी, ढूंढ रही वजूद कहीं अपना। बेटी हूं बहना हूं मैं प्यारी, मैं रही हूं सबकी दुलारी। ...

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