लेखनी प्रतियोगिता -24-Apr-2023 ये इश्क नहीं आसां

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रुकमणी की जब नींद खुली तो दोपहर हो चुकी थी । आजकल की लाइफ ऐसी ही है । रात भर मस्ती करो और दिन भर सोओ । कल 31 दिसंबर था ...

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