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................ग़ज़ल दौरे हाज़िर 1 यारब तेरे जहां का------मंज़र लहू-लहू है बिस्मिल्ल के जिस्मो जां का मंज़र लहू लहू है۔ 2.ख़ालिस इबादतें सब मक़सद से हट गयीं हैं, सजदों की कहकशाँ ...