लेखनी प्रतियोगिता -26-Apr-2023 कविता

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तुम प्राणनाथ हो हे! प्रियतम तुम प्राणनाथ हो  तुमसे ही संसार है मेरा  सूरज। चंदा मैं क्या जानूँ तुमसे ही जीवन में उजाला  माथे बिंदिया जो चमकती  घर आँगन को रोशन ...

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