लेखनी प्रतियोगिता -26-Apr-2023 कविता

1 Part

284 times read

15 Liked

तुम प्राणनाथ हो हे! प्रियतम तुम प्राणनाथ हो  तुमसे ही संसार है मेरा  सूरज। चंदा मैं क्या जानूँ तुमसे ही जीवन में उजाला  माथे बिंदिया जो चमकती  घर आँगन को रोशन ...

×