कविताएं

40 Part

29 times read

0 Liked

तुम मेरा गम हो आँख की पानी में रहो। मुझको मालूम है तुम इसक नहीं कर सकते तो हवस बनकर मेरे जिस्मानी में रहो। तुमसे दोबारा मोहब्बत तो नहीं हो सकी ...

Chapter

×