32 Part
38 times read
0 Liked
सामाजिक यथार्थ और आदर्श यथार्थ के इस अन्तर पर टिप्पणी करते हुए स्वयं प्रसादजी ने कहा है , " यथार्थवाद क्षुद्रों का ही नहीं , अपितु महानों का भी है। " ...