1 Part
253 times read
13 Liked
गीत(रोम-रोम हर्षित) रोम-रोम हर्षित तन-मन का, प्रियवर के मिल जाने से। घर-आँगन-चौबारा चहके- दिलवर को फिर पाने से।। हर्ष मनाएँ कलियाँ सारी, पुष्प-वाटिका थिरक उठी। भ्रमर सभी हैं नर्तन करते, गली-गली ...