निःस्वार्थ ममता लुटाती है

1 Part

362 times read

16 Liked

निःस्वार्थ ममता लुटाती है, वो प्रेम की गंगा बहाती है। नमन है माँ तेरे चरणों में, तू सभी को बराबर चाहती है। ...

×