सफेदपोश मजदूर गदहे जैसे हैं करते काम दिन को चैन ना रात आराम अफसर ना मजदूर कहाते हम किस गिनती में हैं आते बतलाओ हमको श्रीमान। घर से दफ्तर, दफ्तर से ...

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