चतुरसेन जी का महान उपन्यास - देवांगना

62 Part

37 times read

0 Liked

कुछ काल तक रुद्र मन्त्रपाठ उच्च नाद के साथ हुआ। सैकड़ों कण्ठस्वरों ने मिलकर पाठ को गौरव दिया। मन्त्रपाठ समाप्त होते ही देवदासियों ने नृत्य प्रारम्भ किया। सब रंग - बिरंगी ...

Chapter

×