चतुरसेन जी का महान उपन्यास - देवांगना

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      मूर्ति ने कहा —" मनुष्य के प्रति मनुष्यता का व्यवहार करना सबसे बड़ा धर्म है , संसार को संसार समझना धर्म का मार्ग है। "     सहस्रों कण्ठों ...

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