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हरे भरे पेड़ों के बीच अकेला खड़ा वो ठूंठ निरस्त सा जीवन लिए एकरस्ता का पान किए दर्द बांटने को कोई नहीं पत्तियों का भी साथ नहीं आस पास फैली कितनी ...