शर्मिला ने कहा, 'हाय हाय, एक बार काकाजी के साथ जब मैं हरिद्वार गई थी उस समय तुम्हारी क्या दशा हो गई थी, याद है?' दशा अत्यन्त शोचनीय हो गई थी, ...

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