इज़्ज़त दाग़दार ना हो

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ख़ुद से मिलें ये आंखे तो शर्मसार ना हो, कि "निक्क" दामन-ए-इज़्ज़त दाग़दार ना हो। ग़र उसे सिर्फ़ मेरे जिस्म से मोहब्बत करनी है! तो ख़ुदा करे किसी को मुझसे प्यार ...

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