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*परिवर्तन* *परिवर्तन* लगीं हैं बहने नदियाँ अब तो,निर्मल-निर्मल नीर लिए, चंद्र-चंद्रिका छिटके नभ में, अब तो धवल अभीर हुए। बरगद-पीपल-आम्र-नीम तरु लगते निखरे-नखरे हैं- पर्यावरण-प्रदूषण गायब, शीघ्र हुआ ...